किस्मत सहते प्यार क्षुधा तुम दगा दुआ अन्नपूर्णा आपने तोड़ा है हमसे वास्ता वो जोडदो। फिर जबाव खुद हमें हममें ही मिल जाता है । भोजन गुजारिश है तुमसे हिन्दी कविता खुश हर चीज हमसे कुछ पूछती है रुष्ट सुस्त हमसे हिन्दीकविता आग

Hindi ईश्वर है हमसे रुष्ट Poems